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सामवेद को ‘भारतीय संगीत का जनक’ माना जाता है। इसका गान करने वाले ब्राह्मण को ‘उद्गात्’ कहा जाता है।
चूना पत्थर आधारित आग जलाने करने वाले उपकरण
‘ताज-उल-मासिर’ निशापुर (ईरान) के हसन निजामी की रचना है। जब निशापुर पर मंगोलों ने आक्रमण किया, तो निजामी भागकर भारत आ गया और कुत्बुद्दीन ऐबक के यहाँ नौकरी करके यहीं बस गया था। मासिर की रचना अरबी और फारसी दोनों में की गई थी, किंतु इसमें तराइन के प्रथम युद्ध का वर्णन नहीं मिलता है क्योंकि इस युद्ध में गोरी की हार हुई थी। हसन निजामी कुत्बुद्दीन ऐबक का समकालीन था और उसकी रचना ऐबक के जीवन पर केंद्रित है, फिर भी, निजामी ने ऐबक की मृत्यु के बाद इल्तुतमिश के प्रारंभिक वर्षों के इतिहास का भी प्रामाणिक विवरण दिया है।
राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन सम्बन्धी प्रमुख वचन एवं नारे
लॉर्ड कैनिंग ने गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया
श्री गुप्त द्वारा गुप्त साम्राज्य की स्थापना
मुगल बहते पानी के साथ उद्यान बिछाने के शौकीन थे। मुगलों के कुछ बाग कश्मीर के निशात बाग, लाहौर के शालीमार बाग और पंजाब के पिंजौर के बाग़ में हैं।
तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया मध्य प्रदेश में साँची का स्तूप प्राचीन भारत
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अकबर की सुबह के साथ, व्यापक पैमाने पर इमारतों का निर्माण शुरू हुआ। कई किले उसके द्वारा डिजाइन किए गए थे और सबसे प्रमुख आगरा का किला था। इसे लाल click here बलुआ पत्थर से बनाया गया था। उनके अन्य गढ़ लाहौर और इलाहाबाद में हैं।
प्राचीन भारत में शूद्रों की उत्पत्ति और सामाजिक स्थिति
आदाब उल हर्ब वा अल शुजात ( फक्र-ए-मुदब्बिर)
वास्तव में, अफीफ फीरोजशाह तुगलक के शासनकाल की शांति एवं संपन्नता से बहुत प्रभावित था। उसने उसकी स्थापत्य संबंधी गतिविधियों, जैसे- नहरें बनवाने, बाग लगवाने, शाही टकसाल की कार्यविधि, सैनिक पड़ाव, शाही शिकार, खाद्य-पदार्थों के मूल्य, उत्सवों, राजस्व-प्रबंध आदि की बड़ी प्रशंसा की है। इस प्रकार तारीख-ए-फीरोजशाही फिरोजशाह के शासनकाल की जानकारी का एक प्रामाणिक स्रोत है। अफीफ द्वारा वर्णित उसके सत्कार्यों के आधार पर ही सर हेनरी इलियट ने फिरोजशाह की तुलना अकबर से की है।